वादा
कुछ खास थेए वो पल जो गुजर गए
वक़्त के साथ फासले भी बढ़ने लगे
हज़ारो वादे कुछ आधे आधे बनकर रहे गये |
लफ्ज़ थे खामोश बस आँखो
से बाते पढ़ा करते थेए अब जुबान पे
बाते और आँखो मैं आँसू बने चुके है |
वादा किया था रहेगी साथ तुम्हारे
हमेशा साया बनकर चलना था साथ
तुम्हारा लेकिन वादा तो वादा होता निभाना
जाए तो हीरो मैं तुलता है और तोड़ा जाए तो
बाज़ारो मैं पड़ा मीलता है
भरोसा करते थे खुद से ज्यादा मुझ पर
लेकिन कहीं पे ठोकर मिले तो पता चला
हम पे भरोसा रख ने वालो ने खुद से
ही बेवफाई की रास्ते अपना लीए थे अफ़सोस
नहीं मुझे ये किसी भी बात का बस ख्याल
रख कभी किसी से ये वादा ना करना
अगर करो तो निभाना जरूर वरना कोई
बिखर जाएगा इस कदर कि कभी किसी
पर भरोसा ना कर पाएगा |
❤️ very emotional ma'am... i loved the way you write
ReplyDeleteThank You
DeleteSo nice, I lived it so much.
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